कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी में लोक सभा चुनाव के लिए 35 दावेदारों के नाम पर चर्चा, 2 और बैठक के बाद स्पष्ट होंगे फाइनल नाम।

आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारी में जुटे हुए हैं। ऐसे में बात अगर कांग्रेस पार्टी की की जाए तो कांग्रेस पार्टी प्रत्याशियों को लेकर एक्टिव नजर आ रही है। ऐसे में उत्तराखंड की पांचो लोकसभा सीटों पर कांग्रेस जिताऊ कैंडिडेट को लेकर लगातार चिंतन मंथन कर रही है इसी क्रम में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक भगत चरण दास की अध्यक्षता में हुई, जिसमें प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा, सदस्य यशोमती ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के बीच 35 दावेदारों पर चर्चा हुईं।
इसी को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण महारा ने बताया कि दिल्ली में हुई स्क्रीनिंग कमिटी की बैठक काफी महत्वपूर्ण थी । उन्होंने बताया की इस बैठक में 35 से ज्यादा नामो पर चर्चा हुई वहीं नामो के साथ साथ उनके सकारात्मक और नकारात्मक बिंदुओं पर भू बात हुई। नामो के अलावा चुनाव के लिए राष्ट्रीय मुद्दे क्या होंगे और , उत्तराखंड से संबंधित कौनसे मुद्दे हैं जो लोगों पर ज्यादा प्रभाव डालते हैं इस पर भी चर्चा हुई । उन्होंने कहा एक दो बैठकों का दौर और होगा उसके बाद ही स्तिथि स्पष्ट हो पाएगी ।
वही हरिद्वार लोकसभा सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और उनके बेटे वीरेंद्र रावत ने दावेदारी पेश की तो वहीं पार्टी सूत्रों के मुताबिक अल्मोड़ा लोकसभा सीट से यशपाल आर्य प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं लेकिन यशपाल आर्य ने अल्मोड़ा सीट से चुनाव लड़ने से हाथ खड़े कर दिए हैं तो वही कहा यह भी जा रहा है कि टिहरी लोकसभा सीट से प्रीतम सिंह, पौड़ी लोकसभा सीट से गणेश गोदयाल नैनीताल लोकसभा सीट से करण महारा को पार्टी मैदान में उतर सकती है।
वही प्रदेश अध्यक्ष करण महारा ने कहा कि दावेदारों का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पांचो लोकसभा सीटों पर 35 से अधिक नाम आए हैं करण महारा ने यह भी कहा कि पार्टी में दावेदारी करने का सभी कार्यकर्ताओं का अधिकार है चाहे वह हरीश रावत हो या उनके बेटे या कोई और भी कार्यक्रता पार्टी लगातार सर्वे कर रही है। फिर अंतिम बैठक के बाद हाईकमान प्रत्याशी के नाम पर अंतिम मुहर लगाएगा
लोकसभा चुनाव की घड़ी जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वैसे ही टिकट के दावेदारों की दावेदारी भी हाईकमान तक पहुंचने लगी है। पिछले दो लोकसभा चुनाव से कांग्रेस राजनीतिक वनवास झेल रही है।अब ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि 35 दावेदारों में से कांग्रेस अंतिम किन पांच चेहरों पर मोहर लगती है।