वन अग्नि की घटनाओं को लेकर वन विभाग अलर्ट, वन अग्नि से निपटने के लिए पूरी की सभी तैयारी।

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देहरादून 

 

 वन अग्नि की घटनाओं को लेकर वन विभाग अलर्ट ! 

 

 उत्तराखंड में गर्मियां शुरू होते ही वनअग्नि की घटनाएं शुरू हो जाती है और जंगल धधकने लगते है जिसको संभालना वन विभाग के लिए सबसे बड़ी चुनौती के तौर पर देखा जाता है। इस वर्ष इस स्थिति को संतुलित किया जा सके इसके लिए वन विभाग ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है । इसी को लेकर आज वन विभाग के मुखिया प्रमुख वन संरक्षक हॉफ धनंजय मोहन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की । इस दौरान उन्होंने बताया कि मुख्यालय स्तर पर इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) एवं राज्य में सूचना , चेतावनी एवं प्रबंध प्रणाली को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से फॉरेस्ट फायर मोबाइल ऐप विकसित किया गया है। ICCC से राज्यों में मानव वन्यजीव संघर्ष, वन अग्नि अवैध पाटन, अतिक्रमण, अवैध शिकार इत्यादि के संबंध में भी शिकायतें दर्ज की जाएगी। इसके लिए वन विभाग ने 1926 इंटीग्रेटेड हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। फॉरेस्ट फायर उत्तराखंड मोबाइल एप एवं इंटीग्रेटेड हेल्पलाइन नंबर से सभी लोग वन अग्नि, मानव वन्यजीव संघर्ष, अवैध पाटन, अतिक्रमण अवैध शिकार के संबंध में अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। FSI द्वारा विगत 3 वर्षों में प्राप्त फायर अलर्ट का डाटा के अध्ययन में यह पाया गया है कि विगत 3 वर्षों में इस वर्ष सबसे कम फायर अलर्ट प्राप्त हुए हैं। इसके साथ ही देश के अंतर्गत समस्त राज्यों की 1 नवंबर 2024 से 26 मार्च 2025 में FSI द्वारा नियर रियल टाइम फायर अलर्ट की सूची में उत्तराखंड 15वें स्थान पर है। राज्य में वन अग्नि नियंत्रण हेतु चीड़ पीरूल एकत्रीकरण कार्य में स्थानीय जनता को सीधे जोड़ने तथा आजीविका में वृद्धि की जाने की दृष्टिगत शासन द्वारा पूर्व निर्धारित दर ₹3 प्रति किलोग्राम को संशोधित करते हुए अब ₹10 प्रति किलोग्राम कर दी गई है।उन्होंने बताया कि वन अग्नि घटनाओं के दृष्टिगत प्रदेश की अति संवेदनशील वह संवेदनशील वन क्षेत्र में मौसम पूर्वानुमान केंद्रों की स्थापना हेतु मौसम विभाग के साथ MOU भी किया गया है।

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