आबकारी आयुक्त ने देहरादून के कुँआवाला शराब गोदामों का किया औचक निरीक्षण

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देहरादून, 30 सितम्बर 2025। उत्तराखंड आबकारी विभाग ने पारदर्शिता और राजस्व संरक्षण की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए आज देहरादून जनपद के कुँआवाला क्षेत्र स्थित विदेशी मदिरा के बंधित गोदामों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण दल का नेतृत्व आबकारी आयुक्त श्रीमती अनुराधा पाल ने किया। इस दौरान उनके साथ उप आबकारी आयुक्त प्रभा शंकर मिश्रा, सहायक आबकारी आयुक्त के.पी. सिंह, आबकारी निरीक्षक संजय रावत, शिव प्रसाद व्यास, सुंदर तोमर सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

 

निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप गोदामों में भंडारण व्यवस्था, स्टॉक प्रबंधन, सुरक्षा प्रावधान तथा परिवहन प्रणाली की समीक्षा करना था। निरीक्षण के दौरान सभी गोदामों का स्टॉक रजिस्टर से मिलान कर भौतिक सत्यापन किया गया। विदेशी मदिरा के नमूने लेकर उनकी शुद्धता की जांच की गई, जिसमें किसी भी प्रकार की विसंगति नहीं पाई गई।

 

परिवहन व्यवस्था पर विशेष ध्यान देते हुए गोदामों से जुड़े सभी ट्रकों और वाहनों की जांच की गई। यह पाया गया कि सभी वाहनों में जीपीएस यंत्र स्थापित हैं और वे सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं, जिससे परिवहन के दौरान स्टॉक की निरंतर निगरानी संभव हो सके। इसके अलावा गोदामों में अग्निशमन यंत्रों, सीसीटीवी कैमरों, प्रवेश-निकास व्यवस्था और ताले-चाबी की प्रणाली की भी समीक्षा की गई, जो संतोषजनक पाई गई।

 

निरीक्षण के उपरांत आबकारी आयुक्त ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि भविष्य में किसी भी प्रकार की शिथिलता, लापरवाही या अनियमितता को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गोदाम प्रभारियों और अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि स्टॉक प्रबंधन, अभिलेख संधारण और सुरक्षा व्यवस्था में किसी प्रकार की ढिलाई न बरती जाए। साथ ही, समय-समय पर स्व-अवलोकन (self-audit) की प्रक्रिया अपनाने पर भी बल दिया गया।

 

आयुक्त ने यह भी चेतावनी दी कि किसी भी स्तर पर अनियमितता पाए जाने पर दोषियों के विरुद्ध कठोर विभागीय और दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

 

इस औचक निरीक्षण से साफ संदेश गया है कि आबकारी विभाग राज्य सरकार की नीतियों एवं आदेशों को गंभीरता से लागू कर रहा है। विभाग का लक्ष्य न केवल आबकारी राजस्व में वृद्धि करना है बल्कि प्रदेशभर की दुकानों को समय पर मदिरा आपूर्ति सुनिश्चित करना भी है, ताकि उपभोक्ताओं को किसी तरह की असुविधा न हो और अवैध भंडारण, परिवहन या बिक्री की संभावना पूरी तरह समाप्त की जा सके।

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