उत्तराखंड में पुलो पर आपका सफर हो सकता है जानलेवा, 86 पुल पाए गए अनफिट।

कोटद्वार के मालन नदी में बने पुल के टूटने के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा प्रदेश के सभी पुलों का सेफ्टी ऑडिट किया जा रहा है, जिसमें उत्तराखंड में खराब पुलों की स्थिति को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं, क्या कुछ उत्तराखंड में खराब पाए गए पुलों की को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं
मालन नदी पर पुल टूटने के बाद
प्रदेश के सभी पुलों का किया जा रहा है सेफ्टी ऑडिट
86 पुल अब तक पाए गए असुरक्षित
खराब स्थिति वाले पुलों को बंद करने के निर्देश
गढ़वाल में ज्यादा है पुलों की स्थिति खराब
कोटद्वार के मालन नदी पर बने पुल टूटने के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा प्रदेश में सभी पुलों का सेफ्टी ऑडिट किया जा रहा है,वर्तमान में 3262 पुल प्रदेश में छोटे बड़े हैं, जिनका सेफ्टी ऑडिट किया जा रहा है, 2200 फूलों का निरीक्षण अब तक पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा किया जा चुका है,जिसमें 86 पुल असुरक्षित या खतरे की स्थिति में बताए जा रहे हैं वही 12 पुलों की स्थिति बेहद खराब इन 86 पुलों में बताई जा रही है, जिस पर जिला प्रशासन के द्वारा आपदा विभाग की गाइडलाइन के तहत आवाजाही बंद करने के निर्देश की बात कही जा रही है। पीडब्ल्यूडी सचिव पंकज पांडे का कहना है कि प्रदेश के सभी फूलों का सेफ्टी ऑडिट हो रहा है जिसके आंकड़े अभी तक सामने आए हैं वही जो पुल माइनर रिपेयर में ठीक हो सकते हैं उनको ठीक किया जा रहा है जबकि जो पुल खराब स्थिति में है उनकी डिटेल इन्वेस्टिगेशन एजेंसियों के माध्यम से भी कराए जाने पर सहमति बनी है आपदा विभाग के द्वारा इन्वेस्टिगेशन किए जाने का खर्च उठाने की भी सहमति बनी। साथी जान माल का खतरा जिन फूलों पर बताया जा रहा है उनको लेकर जिला प्रशासन के माध्यम से आपदा विभाग की गाइडलाइन के अनुसार आवाजाही बंद करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसी तरह के का कोई नुकसान जान माल का ना हो।
अभी तक 2200 पुलों के सेफ्टी ऑडिट में गढ़वाल मंडल के पुलों की स्थिति ज्यादा खराब पाई गई है,86 असुरक्षित फूलों में से 60 पुल गढ़वाल मंडल में पाए गए हैं,तो 26 कुमाऊं मंडल में पाए गए जबकि एनएच के 3 पुल भी इनमें शामिल है। पीडब्ल्यूडी सचिव की माने तो पहाड़ों में कनेक्टिविटी पुल ही माध्य है,ऐसे में सरकार भी इसको लेकर गंभीर है,और पुलों की स्थिति सुधारने के लिए सरकार पूरा खर्चा उठाने के लिए भी तैयार है,साथ ही अन्य मदों से भी पुलों की स्थिति बेहतर हो इसको लेकर बजट की व्यवस्था की जाएगी।
कुल मिलाकर देखें तो अभी तक 22 स्कूलों के निरीक्षण में 86 पुल जहां असुरक्षित पाए गए हैं,तो वहीं जब 3262 पुलों का सेफ्टी ऑडिट के आंकड़े सामने आएंगे तो उत्तराखंड में असुरक्षित फूलों की संख्या में और इजाफा होने की उम्मीद है ऐसे में सरकार के लिए पुलों को बेहतर करना भी एक बड़ी चुनौती है,ऐसे में देखना यही होगा कि आखिरकार प्रदेश सरकार पुलों की स्थिति सुधारने के लिए क्या कुछ कदम उठाती है या फिर बरसात का मौसम जाने के बाद सरकार और पीडब्ल्यूडी विभाग भी पुलों की मरम्मत करना भूल जाएगा।