उत्तराखंड में ऐप से काम नहीं राजनीति ज्यादा हो रही है। सतपाल महाराज के ऐप जारी करने पर कांग्रेस ने उठाए सवाल कही ये बात।

देहरादून
उत्तराखंड में ऐप से काम नहीं राजनीति ज्यादा हो रही है.
उत्तराखंड में किसी व्यवस्था को सुधारने के लिए सिस्टम का प्रयोग कम, मोबाइल ऐप के जरिए व्यवस्था ठीक करने की बात ज्यादा हो रही हैं. यहां कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज तो हर व्यवस्था को ठीक करने के लिए मोबाइल ऐप लांच करने की बात कर देते हैं. ऐसे लगता है वे लोक निर्माण विभाग के मंत्री के साथ मोबाइल ऐप निर्माण विभाग के मंत्री भी हो गए हैं. ऐसा क्यों कहा जा रहा है देखिए इस खास रिपोर्ट में.
उत्तराखंड में मंत्री सतपाल महाराज ने प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए सबसे पहले गड्ढा मुक्त मोबाइल ऐप लांच किया. अब प्रदेश में कूड़ा निस्तारण के लिए भी एक ऐप लांच की जाएगी. जैसे सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए गड्ढे की फोटो खिंच कर ऐप में अपलोड करनी होती है और जिस भी विभाग के अंडर में वो सड़क है वह विभाग वहां गड्ढे भरने का काम करती है. अब प्रदेश को कूड़ा मुक्त करने के लिए भी मंत्री सतपाल महाराज एक ऐप लॉन्च करेंगे इसमें भी फोटो खींचकर ऐप में अपलोड करनी होगी. अब प्रदेश की सड़कें कितनी गड्डा मुक्त हुई है वो तो साफ देखा जा सकता है. लेकिन यहां तो मंत्री सतपाल महाराज यहां तक कह दे रहे हैं कि उनकी द्वारा लांच किए गए गड्ढा मुक्त ऐप की तो लंदन भी मांग रहा है.
साफ है कि ऐसे में विपक्ष भी सरकार पर जरूर सवाल उठाएगा ही. सतपाल महाराज के इस बयान के बाद पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा है। प्रीतम सिंह का कहना है कि राज्य सरकार ऐप वाली सरकार है कभी गड्ढा मुक्त करने के लिए ऐप तो कभी कूड़ा मुक्त करने के लिए ऐप बना रहा है, सरकार को चाहिए कि वह सरकार को चलाने के लिए भी ऐप तैयार कर ले. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता के इस सवालों का जवाब देते हुए बीजेपी प्रवक्ता विपिन कैंथोला का कहना है कि कांग्रेस प्रधानमंत्री मोदी जी का विरोध करते- करते विकास और टेक्नोलॉजी विरोधी हो गई है।
उत्तराखंड में मोबाइल ऐप राजनीति करने के हथियार बनते हुए नजर आ रहे हैं. यहां टेक्नोलॉजी का पूरा फायदा भी जन प्रतिनिधि उठा रहे हैं. अब इन मोबाइल ऐप से जनता को फायदा हो या ना हो लेकिन सियासत में चर्चा तो बनी ही रहती है।