अंकिता भंडारी केस: सरकार ने अंकिता के पिता की मर्ज़ी से नियुक्त किया नया सरकारी वकील

0

देहरादून: अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर विपक्ष मुखर है। खासतौर पर कांग्रेस ने इस हत्याकांड को राजनैतिक मुद्दा बना लिया है। सरकार पर अदालत में केस की कमजोर पैरवी के आरोप लगाए जा रहे हैं लेकिन सच्चाई यह है कि सरकार ने इस मामले में सरकारी वकील (विशेष लोक अभियोजक) भी अंकिता के पिता की पसंद का ही नियुक्त किया है। इतना ही नहीं हत्याकांड से संबंधित जो भी मांग समय समय पर परिजनों की ओर से की गई, उन सभी को तत्काल पूरा किया गया।

अंकिता हत्याकांड में सरकार की ओर से जितेंद्र रावत को सरकारी वकील नियुक्त किया गया था, लेकिन अंकिता के परिजनों ने सरकारी वकील पर आरोप लगाया था कि वह अदालत में मामले की कमजोर पैरवी कर रहे हैं। इसके बाद 19 जुलाई 2023 को अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी निवासी ग्राम श्रीकोट, जिला पौड़ी गढ़वाल ने जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान को पत्र लिखकर इच्छा जताई कि वह इस मामले में अवनीश नेगी पूर्व डीजीसी क्रिमिनल को विशेष लोक अभियोजन नियुक्त करवाना चाहते हैं।

जिलाधिकारी ने इस पत्र को संस्तुति के साथ शासन में भेजा था और फिर अंकिता के पिता की इच्छा के अनुसार ही नेगी को सरकारी वकील नियुक्त किया गया। अब वही इस केस की पैरवी अदालत में करेंगे।

अंकिता हत्याकांड को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का रवैया शुरू से ही गंभीर और संवेदनशील रहा। शुरू से ही सरकार एक्शन मोड में नजर आई। पहले मामले की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री धामी ने इस मुकदमे को राजस्व पुलिस से रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर करवाया। वह स्वयं अंकिता के परिजनों को संबल देने उनके घर पहुंचे। उनके साथ अभिभावक की तरह खड़े रहे और परिवार को 25 लाख की आर्थिक सहायता भी प्रदान की। सरकार की ओर से तत्काल एसआईटी गठित की गई। विपक्ष ने एसआईटी के बजाय मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की लेकिन इससे संबंधित सभी याचिकों को हाईकोर्ट नैनीताल ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि एसआईटी सही दिशा में काम कर रही है। कुल मिलाकर दिखा जाए तो इस मामले में विपक्ष की कोर्ट से झटका ही लगा है। गौरतलब है कि 19 साल की अंकिता लक्ष्मण झूला इलाक़े में वनंतारा रिसॉर्ट की रिसेप्शनिस्ट थीं।

अंकिता को आखिरी बार पुलकित आर्य के साथ रिसॉर्ट में 18 सितंबर 2022 को देखा गया था, जबकि उनका शव छह दिन बाद 24 सितंबर को चिल्ला पावर हाउस के पास शक्ति नहर से पुलिस ने बरामद किया था। इस दौरान मुख्य आरोपी पुलकित ने खुद को पाक-साफ दिखाने के लिए रेवेन्यू विभाग में अंकिता के गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज करवाई थी।अंकिता के परिवार वालों का आरोप था कि इस मामले में राजस्व पुलिस पहले हाथ पर हाथ धरे बैठी रही और फिर बाद में 22 सितंबर को इस मामले को नियमित पुलिस के हवाले किया गया था। फिलहाल इस मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और केस कोर्ट में है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed