उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) तत्काल बहाल किये जाने की मांग कर प्रधानमंत्री को लिखा पत्र।
देहरादून,
कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) तत्काल बहाल की जायः- करन माहरा
उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) तत्काल बहाल किये जाने की मांग की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र में करन माहरा ने कहा है कि विगत लम्बे समय से सरकारी कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) बहाली की मांग करते आ रहे हैं तथा कर्मचारियों की मांग पर देश के कुछ राज्यों जिनमें राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब शामिल हैं, के द्वारा ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल भी किया गया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि देशभर में कृषि और अन्य घरेलू व निजी व्यावसायिक संसाधनों के बाद एक बड़ा वर्ग रोजी-रोटी के लिए सरकारी नौकरियों पर निर्भर है तथा सेवानिवृत्ति के उपरान्त अधिकतर कर्मचारी बेहतर जीवन यापन के दृष्टिगत पेंशन स्कीम के तहत अपनी जमा धनराशि एकमुश्त की बजाय मासिक पेंशन के रूप में लेना पसंद करते हैं। पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाले मूल वेतन का 50 प्रतिशत देय होता था तथा मूल वेतन का आधा हिस्सा पेंशन के रूप में दिया जाता था। यही नहीं सेवानिवृत्त कर्मचारी के महंगाई भत्ते में कार्यरत कर्मचारी की भांति लगातार बढ़ोतरी की सुविधा मिलती है, इससे महंगाई बढ़ने के साथ-साथ पेंशन में भी बढ़ोतरी होती रहती है जिससे वे सेवानिवृत्ति के उपरान्त सम्मान के साथ अपना जीवन यापन कर सकें।
करन माहरा ने कहा है कि वर्तमान में केन्द्र सरकार द्वारा कर्मचारियों की मांगों के विपरीत यूपीएस को बेहतर बताते हुए इसे लागू किया गया है परन्तु 2004 के बाद भर्ती होने वाले जो लोग सेवानिवृत्त हो रहे हैं उन्हें बहुत मामूली पेंशन मिल रही है जबकि महंगाई निरंतर बढती जा रही है, जिससे उनका जीवन यापन में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं इस योजना में कर्मचारियों को अपना अंशदान भी देना पड़ रहा है, जबकि ओपीएस में पेंशन सरकार की ओर से मुहैया कराई जाने वाली सामाजिक सुरक्षा योजना पर पूरी तरह निर्भर थी। केन्द्र सरकार द्वारा जो नया यूपीएस लागू किया गया है उसमें कर्मचारी के अपने अंशदान को निकालने को लेकर भी स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। कर्मचारी वर्ग का मानना है कि यदि सरकार न्यू पेंशन स्कीम और यूनिफ़ाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) का विकल्प दे सकती है तो फिर पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) का विकल्प देने में सरकार को क्या दिक्कत है? तथा यदि सरकार यूपीएस में बेसिक वेतन का 50 फ़ीसदी दे सकते हैं तो ओपीएस में 50 फ़ीसदी क्यों नहीं दे सकती है? यह भी विचारणीय है कि यूपीएस योजना के तहत सरकार द्वारा अपने अंशदान में 18.5 फ़ीसदी की बढोत्तरी प्रावधान किया गया है जिसके तहत 25 साल की नौकरी करने वालो को तो 50 फ़ीसदी यानी पुरानी पेंशन के बराबर पेंशन दी जाएगी परन्तु जिन कर्मचारियों की नौकरी कम होगी उन्हें मात्र दस हज़ार और डीआर ही दिया जायेगा जबकि उनका 10 फ़ीसदी अंशदान सरकार के पास रहेगा तथा उन्हें केवल अंतिम 6 महीने की ही सैलरी वापस की जायेगी, जो कि न्याय संगत प्रतीत नहीं होता है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि व्यापक जनहित में देशभर के कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) तत्काल बहाल की जाय।